Wednesday, 25 December 2013

Free fall

Sitting Near by the Shore

You are Looking Straight into My face, Your Piercing Eyes..    

And I am Looking into the Mirror, Looking at My own Reflection 

Do I recognize Myself ???  For I don't Know .. 

You ask Me, What Happened to You ?

What's Wrong With You, Where are you ?? 

I said, I want to Go Beyond the Barriers 

I want to Sink Myself into the Deep Waters


मैं अपने आप में ही उलझी हूँ  मैं तुमसे क्या कहूं, मुझे खो जाने दो हवा में.

इन उलझे हुए ज़िन्दगी के बेसुरे तारों को ज़रा सुलझा लेने दो, इसकी लय ताल को वापिस लौटा लाने के लिए मुझे जाने दो.



I Don't Know How Am I Expressing Myself,  am I sounding Pleasant, Rude, Angry ... 

Please Don't Accuse me, Don't Blame me, Don't Expect Anything; for I have Lost my Senses as You Think 

I am Not That One Whom You Ever Knew, I am a Shadow of that Name and that Face 

मैं अपने आपे में ही नहीं हूँ

मैं रास्ते भूल रही हूँ

मुझे रास्ता तलाशने दो 

मुझसे सवाल ना करो, मुझे डर  लगता है उनसे  

वे मेरे चारों ओर  घेरा बना कर मुझे बाँध लेते हैं 

मुझे मत बांधो 

Let me Disperse Myself into the Air and in the Water and in the Sand ..

10 comments:

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

वाकई हवा, पानी और जल में खुद को बिखरा कर जिन्‍दगी के अर्थ को पाया जा सकता है।

Bhavana Lalwani said...

shukriya vikesh ji aapne arth toh theek pakda .. par ye jal aur paani toh ek hi cheez hai :) :P

Harihar (विकेश कुमार बडोला) said...

हां जी। क्षमा चाहता हूँ। स्‍क्रीन पर चीजें पढ़ने, लिखने का कन्‍सन्‍ट्रेशन गड़बड़ा जाता है मेरा। ये बस इसी की गलती है। वरन मैं पानी को मिट्टी लिखना चाहता था।

Bhavana Lalwani said...

hehehehehe isme sorry jaisa kuchh nahi .. maine toh is s ebhi badi galtiyaan ki hain comment karte samy

Bhavana Lalwani said...

dhanywaad rajiv ji

Bhavana Lalwani said...

dhanywaad chaturvedi ji .. aapko bhi naye saal ki hardik shubhkamnaayein

Yashwant R. B. Mathur said...

आप को नव वर्ष 2014 की सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएँ!

कल 03/01/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!

Bhavana Lalwani said...

thnk u Yashwant ji... main soch hi rahi thi ki aapse kahu ki kisi din ki hulchul mein is hindi english ki khichdi ko seat dilaaane ke liye :) :)

कालीपद "प्रसाद" said...

बहुत सुन्दर भाव है रचना में !
नया वर्ष २०१४ मंगलमय हो |सुख ,शांति ,स्वास्थ्यकर हो |कल्याणकारी हो |
नई पोस्ट विचित्र प्रकृति
नई पोस्ट नया वर्ष !

Unknown said...

I am Not That One Whom You Ever Knew, I am a Shadow of that Name and that Face .... Beautiful lines