ईयर 3025
( ये नई शताब्दी के शुरूआती साल हैं और इंसान के लिए एक ही फ़िक्र है "रोटी, कपडा और मकान". दुनिया के सारे इंडस्ट्रियल revolutions जिस समस्या को सुलझाने के लिए शुरू हुए थे, लगता है कि इंसानी सभ्यता फिर से वहीँ पहुँच गई है. बीती शताब्दी के शुरूआती सालों में अखबार हर साल ये बताते थे कि धरती पिछले साल की तुलना में थोड़ी ज्यादा गर्म हो गई और ये कि ये साल अब तक का सबसे गर्म साल था; ग्लोबल वार्मिंग के बारे आर्टिकल्स छापते थे कि भविष्य में ऐसा या वैसा होगा या हो सकता है.
लेकिन अब इंसान अपने सामने उन सब परिवर्तनों को होते देख रहा है और उसके नतीजे भी भुगत रहा है. सुनामी, cyclone जिन्होंने 2060 के बाद पूर्वी और पश्चिमी तटों पर तबाही मचाई, देश के उत्तरी और उत्तर पूर्वी पहाड़ी इलाके जहां लैंड स्लाइड और भूकम्पों ने ज़मीन का नक्शा बदल डाला। किसी वक़्त में एक अरब से ज्यादा आबादी वाला देश अब चालीस करोड़ वाला देश रह गया है. )
लगभग दो साल बाद
( ये नई शताब्दी के शुरूआती साल हैं और इंसान के लिए एक ही फ़िक्र है "रोटी, कपडा और मकान". दुनिया के सारे इंडस्ट्रियल revolutions जिस समस्या को सुलझाने के लिए शुरू हुए थे, लगता है कि इंसानी सभ्यता फिर से वहीँ पहुँच गई है. बीती शताब्दी के शुरूआती सालों में अखबार हर साल ये बताते थे कि धरती पिछले साल की तुलना में थोड़ी ज्यादा गर्म हो गई और ये कि ये साल अब तक का सबसे गर्म साल था; ग्लोबल वार्मिंग के बारे आर्टिकल्स छापते थे कि भविष्य में ऐसा या वैसा होगा या हो सकता है.
लेकिन अब इंसान अपने सामने उन सब परिवर्तनों को होते देख रहा है और उसके नतीजे भी भुगत रहा है. सुनामी, cyclone जिन्होंने 2060 के बाद पूर्वी और पश्चिमी तटों पर तबाही मचाई, देश के उत्तरी और उत्तर पूर्वी पहाड़ी इलाके जहां लैंड स्लाइड और भूकम्पों ने ज़मीन का नक्शा बदल डाला। किसी वक़्त में एक अरब से ज्यादा आबादी वाला देश अब चालीस करोड़ वाला देश रह गया है. )
एक था ज़ुबिन
"हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि देश के सभी गरीब और साधन विहीन लोगों को सस्ते और टिकाऊ घर उपलब्ध कराए जाएँ। ये हमारा मुख्य चुनावी मुद्दा है और जीतने के बाद हम इस पर अमल करेंगे।" देश के वर्तमान प्रधानमन्त्री आने वाले चुनावों के लिए अपना चुनावी मेनिफेस्टो टेलीविज़न के ज़रिये लोगों तक पहुँचाना चाहते हैं.
"लेकिन इस समस्या के टेक्निकल पहलू पर आप क्या कहेंगे? अभी तक कोई फूल प्रूफ टेक्नोलॉजी डेवेलप नहीं हो सकी है जो हर तरह के ज्योग्राफिकल कंडीशंस और Rock Formations के साथ काम कर सके और कम लागत पर टिकाऊ घर बना सके." टीवी एंकर नेताजी को आसानी से छोड़ने के मूड में नहीं है.
"देखिये, इस वक़्त ये समस्या अकेले हमारे देश की नहीं समूची दुनिया की है और मुझे विश्वास है कि इस ग्लोबल समस्या का समाधान भी साइंटिस्ट ढूंढ निकालेंगे। पिछले हफ्ते जर्मनी में UNO की विशेष कांफ्रेंस में हमने इसी मुद्दे को उठाया था और उसमे घर बनाने के कुछ नए मॉडल के सुझाव सामने आये हैं; सारी दुनिया के साइंटिस्ट इस पर काम कर रहे हैं, थोड़ा धैर्य रखिये, हम इस समस्या को जल्दी सुलझा लेंगे। बहुत जल्दी हम एक फ्लैगशिप वेलफेयर प्रोग्राम भी शुरू करेंगे जिसमे ज़रूरतमंदों को घर उपलब्ध करवाना ही एकमात्र लक्ष्य होगा।"
"पिछले साल अपने सीमित संसाधनो के बावजूद हमने दस लाख घर बनाये थे, ज्यादातर शहरों में स्कूल, अस्पताल और सरकारी दफ्तरों को "शिफ्ट" किया जा चुका है और इस बार जीतने के बाद हम कोशिश करेंगे कि …"
"एक मिनट सर, आज हमें ज़रूरत है लगभग चालीस करोड़ घरों की. और उन दस लाख घरों में से कई तो "उन लोगों" को भी अलॉट हो गए जो खुद घर खरीद सकने की क्षमता रखते हैं. और फिर उन खदानों के बारे में क्या आपने कोई योज़ना बनाई है, कोई renovation स्कीम या उन्हें खाली करवा के बंद कर दिया जाएगा।"
"देखिये पूरी तरह खाली तो नहीं करवा सकते, ऐसे तो समस्या और ज्यादा बढ़ जायेगी। जब तक हम उन्हें कोई दूसरा ऑप्शन नहीं दे सकते तब तक हम उनसे … और फिर आरोप लगाना और कमियां निकालना बड़ा आसान काम है लेकिन पिछले एक दशक से हालात जिस तरह बिगड़े हैं उनमे काम कर पाना उतना ही मुश्किल भी है. इस वक़्त हम अपने अस्तित्व को बनाये रखने के लिए लड़ रहे हैं". नेताजी भी पूरी तरह से तैयारी करके आये थे.
ज़ुबिन ने palmtop पर चैनल वेबसाइट बदल दी, अबकी बार एक रिपोर्टर वर्चुअल स्क्रीन पर उभरी और उसके पीछे UN महासचिव हाथ हिलाते खड़े नज़र आये । रिपोर्टर ने बोलना शुरू किया, " UNO के मिलेनियम डेवेलपमेंट गोल्स में सबसे ज्यादा महत्त्व दुनिया के सभी गरीबों को अगले पांच साल के भीतर घर उपलब्ध करवाने को दिया गया है. उसके बाद Sun रेडिएशन से होने वाली बीमारियों के इलाज के लिए फण्ड उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता दी गई है. UN महासचिव खुद फण्ड raising के लिए अगले हफ्ते से पूरी दुनिया का दौरा करेंगे।"
ज़ुबिन ने अपने palmtop को स्विच ऑफ कर दिया। "एक तरफ तो ये गैजेट्स इतने सस्ते आते हैं वहीँ दूसरी तरफ एक सुरक्षित घर खरीदना बेहद मुश्किल हो गया है आम जनता के लिए. क्या करें इन एडवांस टेक्नोलॉजी वाले खिलौनों का, अगर सिर पे एक सुरक्षित छत नहीं है?"
"ज़ुबिन देख आज क्या चीज़ मिली है." माधव के हाथ में एक बड़ा बॉक्स है; माधव ज़ुबिन का भाई है.
"ये वर्चुअल होम थिएटर कहाँ से ले आया, फिर से उन्ही मल्टी स्टोरी अपार्टमेंटस की तरफ तो नहीं गया था ?"
"हाँ वहाँ से ही मिला है, मैंने बाकी लड़कों को पता नहीं लगने दिया, देख इसके साथ कुछ पुरानी फिल्मो की डीवीडी भी मिली है."
माधव इस नए ज़माने का कबाड़ी वाला है जो ज़मीन के ऊपर खाली पड़ी उन इमारतों , घरों की ख़ाक छानते फिरते हैं कि वहाँ उन्हें कुछ कुछ ऐसा सामान या चीज़ें मिल जाएँ जिनको बेच के पैसा कमाया जा सके. अक्सर इसके लिए हाई रेडिशन जोन में जाना पड़ता है जहां पर एक वक़्त में पॉश colonies और मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट्स थे. लोग अपना बहुत सा सामान यूँही छोड़ गए क्योंकि ज़मीन के नीचे वाले घरों में उनको रखने की जगह नहीं थी.
माधव इस नए ज़माने का कबाड़ी वाला है जो ज़मीन के ऊपर खाली पड़ी उन इमारतों , घरों की ख़ाक छानते फिरते हैं कि वहाँ उन्हें कुछ कुछ ऐसा सामान या चीज़ें मिल जाएँ जिनको बेच के पैसा कमाया जा सके. अक्सर इसके लिए हाई रेडिशन जोन में जाना पड़ता है जहां पर एक वक़्त में पॉश colonies और मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट्स थे. लोग अपना बहुत सा सामान यूँही छोड़ गए क्योंकि ज़मीन के नीचे वाले घरों में उनको रखने की जगह नहीं थी.
"वहाँ कितना रिस्क है, रेडिएशन लेवल एक्सट्रीम पर है और फिर तेज़ गर्मी और रेडिएशन के कारण जानवर भी आजकल खूंख्वार हो गए हैं. क्यों ये काम करता है?"
"यहां भी तो मर ही रहे हैं, इस काम से पैसा तो फटाफट मिलता है, तेरी रीसाइक्लिंग प्लांट वाली नौकरी से सिर्फ माँ के स्किन कैंसर के इलाज का खर्च ही पूरा नहीं होता और फिर कब तक यहां खान में पड़े रहेंगे, सरकार जाने कब घर देगी? देगी भी या नहीं ? इसलिए खुद ही घर खरीदने का इंतज़ाम करना होगा ना".
स्किन कैंसर इस नयी शताब्दी की सबसे सामान्य बीमारी बन गई है. जब तक लोग समझते सावधान होते तब तक …
सदी के अंतिम दशकों में स्थिति कुछ ऐसी हुई कि धरती का तापमान UN रिपोर्ट्स के प्रेडिक्शन्स से भी कहीं आगे चला गया और अब धरती के ऊपर, आसमान के नीचे पत्थर, ईंट और लकड़ी के बने घरों में रहना लगभग असंभव हो चला था. ओज़ोन लेयर अब बहुत थोड़ी ही बची है और UVB Rays अपना असर पूरी भयंकरता से दिखा रही है. लगभग पूरा साल धरती गर्मी से झुलसती रहती हैं.
तेज़ गर्मियां और सुनामी जिन्होंने लोगों को मजबूर कर दिया कि वे अपने लिए नया घर तलाशें। और तब शुरू हुआ एक नए किस्म का बिज़नेस।
ज़मीन के नीचे घर बनाने, ज़मीन के नीचे ज़मीन खरीदने, टाउनशिप बनाने, कॉलोनी बनाने का धंधा। कभी किसी ने सोचा भी ना होगा की एक दिन ज़मीन के नीचे की ज़मीन सोने के भाव बिकेगी और ज़मीन के ऊपर कोई एक पैसा भी देने को तैयार ना होगा। ज़ुबिन, माधव और उनकी माँ भी उनमे से एक है जिनके पास जाने के लिए, रहने के लिए कोई जगह नहीं थी तो वे लोग यहां आ गए.
यहां यानी .... "ए ज़ुबिन, जल्दी आ, खान का एक हिस्सा फिर से गिर गया रे." माधव पूरी ताकत से चिल्लाया और फिर ज़ुबिन, माधव और कई सारे लोग उस हिस्से की तरफ भागे जहां खान की छत गिर गई थी अब वहाँ मिटटी पत्थर का ढेर पड़ा था, चीखें थी, आवाज़ें थी, कुछ लोग अंदर दबे थे.
ये खदानें अब ज़ुबिन जैसे बहुत से लोगों का घर हैं, ये ज्यादातर पत्थर की खानें हैं जो अब लगभग खाली हो गई है और इनमे काम बंद हुए काफी साल हो गए हैं. लोगों ने इन्हे ही घर मान के रहना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन्स को चुना तो कुछ अंडर ग्राउंड रोड टनल्स में रहने आ गए यानी कुछ भी ऐसा जो ज़मीन के नीचे हो और जहां का तापमान रहने लायक हो.
"रेस्क्यू टीम को मैसेज कर दिया है पर लगता नहीं कि वे जल्दी पहुँच सकेंगे।"
"क्यों?'
"अंडरग्राउंड मेट्रो बस वाली कॉलोनी में कुछ पुराने सामान के कारण ब्लास्ट हुए हैं और अभी तीन रेस्क्यू टीम वहीँ है. ये न्यूज़ सुबह से लोकल नेटवर्क पर फ़्लैश हो रही है."
खान में रहने वालों ने दबे हुए लोगों को निकालने का काम शुरू किया और कुछ घंटे के बाद मलबा हटा और उसमे से निकली तीन डेड बॉडी जिनके सिर पत्थरों से कुचल गए थे.
"क्या रे अपना भी ऐसा ही हाल होगा ?" ज़ुबिन पूछ रहा है या भविष्य को देख रहा है, माधव को समझ नहीं आता.
"दुनिया में कितने देश होंगे?" ज़ुबिन को फिर से UN महासचिव याद आने लगे हैं.
"ये पूछो कि दुनिया में इंसान कितने बचे हैं, देश तो अब हैं कहाँ?" रोमिला ने उल्टा सवाल पूछा। वो भी माधव के साथ "कबाड़" ढूंढने का काम करती है.
"जब कॉलेज में एडमिशन के लिए एग्जाम दिया था तब पढ़ा था कि लगभग 200 देश थे पिछली शताब्दी में जो अब कम होकर 150 या उस से भी कम हैं शायद। सारे आइलैंड देश जैसे जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया के कोस्टल एरिया, फ़िजी और अपना ये मालदीव; सब पानी में डूब गए. आर्कटिक और अंटार्कटिका की बर्फ पिघल गई." ज़ुबिन ने सिर खुजाया।
"अफ्रीका भी तो लगभग खाली हो गया है ना? सुना है अब सिर्फ वहाँ रेगिस्तान है और जंगली जानवर।" रोमिला ने थोड़े डरी हुई आवाज़ में कहा.
" तुमको अफ्रीका की पड़ी है और यहां … "
"वो बेघर लोगों को घर देने की स्कीम थी ना, उसका क्या हुआ, कब मिलेंगे घर ?" रोमिला को एक घर चाहिए, ठंडा, शांत और सुरक्षित घर.
" न्यूज़ में देखा था कि कई लोगों को मिले हैं घर, पता नहीं अपने एरिया का नंबर कब आएगा". माधव को सरकारी घर मिलने का ज्यादा भरोसा नहीं है.
"वो बेघर लोगों को घर देने की स्कीम थी ना, उसका क्या हुआ, कब मिलेंगे घर ?" रोमिला को एक घर चाहिए, ठंडा, शांत और सुरक्षित घर.
" न्यूज़ में देखा था कि कई लोगों को मिले हैं घर, पता नहीं अपने एरिया का नंबर कब आएगा". माधव को सरकारी घर मिलने का ज्यादा भरोसा नहीं है.
"अरे चल, तेरे होम थिएटर पर पुरानी फिल्में देखते हैं." ज़ुबिन ने टॉपिक बदला।
कुछ घंटे बाद
"यार ये पिछली शताब्दियों के लोग बड़े बेवकूफ थे ना, आने वाले वक़्त को "स्टारवार्स triology" और "हंगर गेम्स triology" जैसी फिल्मों के नज़रिये से देख रहे थे ?" ज़ुबिन बोला।
"बेवकूफ नहीं थे, cruel थे; अगर उन्हें सचमुच भविष्य की, हमारी फ़िक्र होती तो आज हम इस हाल में नहीं होते।" रोमिला ने कड़वी आवाज़ में कहा. रोमिला के परिवार में अब कोई नहीं है, पता नहीं कहाँ से कैसे यहां तक आई. अब वो अकेली है, उसे भी हर महीने अपने इलाज के लिए कई दवाइयों और थेरेपी से गुज़रना पड़ता है. उसके शरीर में विटामिन डी बहुत ज्यादा हो गया है जो एक्सट्रीम रेडिएशन के लगातार कांटेक्ट में होने से होता है.
कुछ हफ्ते बाद
"सर इतनी जल्दी ज़मीन के नीचे बिजली, पानी, sewage, ड्रेनेज के नेटवर्क बिछाना लगभग नामुमकिन है, इस काम में कम से कम दो साल लगेंगे, कई जगह इंटरनेट और टेलीफोन केबल्स बीच में आ रही हैं. ज्यादा वक़्त भी लग सकता है."
" वक़्त हमारे पास नहीं है सेक्रेटरी साहब, उन लोगों के पास भी वक़्त नहीं है जो या तो खदानों में या ज़मीन के ऊपर मकानों में रहते हैं. अंडरग्राउंड टनल्स में दिन पर दिन भीड़ बढ़ रही है. जैसे भी हो जल्दी से जल्दी घर बनाइये।"
"सर, जल्दी काम करने के लिए फंड्स भी तो चाहिए और इकॉनमी की हालत .... सारी दुनिया का यही हाल है, UNO किस किस को पैसा देगा।"
कुछ हफ्ते बाद
"सर इतनी जल्दी ज़मीन के नीचे बिजली, पानी, sewage, ड्रेनेज के नेटवर्क बिछाना लगभग नामुमकिन है, इस काम में कम से कम दो साल लगेंगे, कई जगह इंटरनेट और टेलीफोन केबल्स बीच में आ रही हैं. ज्यादा वक़्त भी लग सकता है."
" वक़्त हमारे पास नहीं है सेक्रेटरी साहब, उन लोगों के पास भी वक़्त नहीं है जो या तो खदानों में या ज़मीन के ऊपर मकानों में रहते हैं. अंडरग्राउंड टनल्स में दिन पर दिन भीड़ बढ़ रही है. जैसे भी हो जल्दी से जल्दी घर बनाइये।"
"सर, जल्दी काम करने के लिए फंड्स भी तो चाहिए और इकॉनमी की हालत .... सारी दुनिया का यही हाल है, UNO किस किस को पैसा देगा।"
लगभग दो साल बाद
"क्या ये प्रोजेक्ट सरकार अपने हाथ में नहीं ले सकती थी? लोगों की ज़िन्दगियों से जुड़ा ये प्रोजेक्ट अगर ठेके पे दिया भी गया तो क्वालिटी कंट्रोल मैनेजमेंट, सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया? जब कंपनी के बनाये सैंपल घर और पूरी कॉलोनी के घरों की क्वालिटी और स्टैण्डर्ड में अंतर था तो फिर उसी वक़्त कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया? क्या इतनी सब तबाही देखने के बाद भी हम लापरवाह बने रहेंगे ?"
लोकसभा में विपक्षी दाल के नेता गरजते हुए बोले।
लोकसभा में विपक्षी दाल के नेता गरजते हुए बोले।
उनके चिल्लाने का कारण था वो हाउसिंग प्रोजेक्ट जिसमे ज़मीन के नीचे घर बनाने का ठेका एक बड़े कॉर्पोरेट फर्म को दिया गया था और वादे के मुताबिक़ उसने सस्ती कीमत पर जल्दी घर बनाये भी. पर इस जल्दबाजी में किसी ने ये ध्यान नहीं दिया कि सुरक्षा मानकों का पालन हुआ या नहीं और इन सबसे ऊपर क्या ये घर मज़बूत और रहने लायक हैं भी या नहीं। नतीजा , जब लोग वहाँ रहने आये तो उनमे प्रॉपर ऑक्सीजन सप्लाई, एनर्जी सप्लाई, बेसिक एमेनिटीज जैसे पानी, ड्रेनेज वगैरह का हाल काफी बुरा था. और अभी पिछले हफ्ते उनमे से कई घर ढह गए क्योंकि उन्हें बनाने में इस्तेमाल हुआ मटेरियल घटिया था.
सात साल बाद
"इस बार की Red Data List हमारी धरती के अब तक के सबसे खराब दौर को दिखा रही है. इस बार लिस्ट में सबसे संकटग्रस्त प्रजाति के रूप में खुद "पृथ्वी ग्रह " को रखा गया है. उसके बाद दूसरा स्थान मानव प्रजाति को दिया गया है." वर्चुअल स्क्रीन पर न्यूज़ आ रही थी और ज़ुबिन, रोमिला के साथ अस्पताल में है, उसे रोमिला और माधव दोनों की देखभाल करनी होती है.
Image Courtesy : Google
Video Courtesy : Youtube
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