Monday 14 April 2014

परियों की कहानी या प्रेम कहानी : मेरी पसंद की कुछ फिल्में

परियों की कहानियाँ हम सबने अपने बचपन में ज़रूर पढ़ी होंगी। राजा रानी, राजकुमारियाँ और उनके साथ साथ आम इंसान भी उन कहानियों का हिस्सा हुआ करते थे.  अगर मेरी अपनी पसंद पूछिए तो मुझे बालहंस के परी कथा विशेषांक का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार रहता था. एक मिनट, लगता है कि  हम अपने सब्जेक्ट से अलग हट  गए हैं लेकिन ये थीम ही ऐसी है कि  बिना इधर उधर भटके काम नहीं चल सकता। 

हाल ही में कुछ फिल्में देखीं जिनकी कहानियाँ किसी परी  कथा से कम  नहीं थी.  प्रेम कथा जो बिलकुल परियों की कहानी जैसी लगती है.  परी कथाओं में एक जादुई दुनिया होती है, चमत्कार होते हैं, रहस्य होते हैं;  सुन्दर और अक्लमंद लेकिन दिल की बेहद भली परियां होती हैं. बहादुर राजकुमार होते हैं, उनके बीच प्यार हो जाता है जो कभी हैप्पी एंडिंग तक पहुँचता है और कभी ट्रैजिक एंड होता है.  परियों की कहानी में कुछ भी संभव है, जो हम सोच नहीं सकते या हमारी wildest imagination  में भी जो बात हो नहीं सकती वो बातें, वो चीज़ें परियों की दुनिया में संभव हैं. यहां हम हर बंधन से आज़ाद हैं; यहां  सात आसमानो और सातों समन्दरों के पार जाया जा सकता है, और पता नहीं क्या क्या. अलादीन का चिराग से लेकर एडवांस टेक्नोलॉजी यानी विज्ञान और myths का ऐसा अनोखा संगम सिर्फ परी कथा  में ही देखने को मिल सकता है.   … लो मैं फिर सब्जेक्ट से दूर चली गई.  आप कहिये कि  ट्रेडिशनल परी कथा में विज्ञानं का क्या लेना देना ??? पर मेरे ख्याल से ऐसा नहीं है, दरअसल विज्ञान और तकनीक का साथ इमेजिनेशन को स्वीकृति के  एक नए लेवल  पर ले जाता है. और फिल्में इसी नए ज़माने की परी  कथा को दादी के वक़्त की परियों से जोड़ती है.

तो फिर चलिए उन फिल्मों की बात की जाए जिन्हे देखकर ये ख्याल आया कि  " परी  कथा और प्रेम कथा में ज्यादा फर्क नहीं होता और ये ज़रूरी नहीं कि  परी कथा का कोई एक फिक्स फार्मूला हो, ये किसी भी तरीके से एक जादुई, सतरंगी, सपनों के संसार का अहसास  दे सकती है; जहां कभी भी, किसी से भी प्यार हो सकता है और तब सारे बने बनाये नियम कायदे ढह जाते हैं." 


1. Star wars Prequel Trilogy  Wiki  Video

इस ट्राइलॉजी में बाद वाली दोनों फिल्में एक खूबसूरत प्रेम कथा को bloom होते हुए और फिर उसके अंत तक पहुँचते हुए दिखाती हैं. Anakin Skywalker  और Padme Amidala. एक Jedi (Warrior Monk)  और एक Senator (Politician इन Galactic  Republic) …एक forbidden Love जिसका कोई भविष्य नहीं हो सकता लेकिन फिर भी यही दो चेहरे और उनकी संतान (ओरिजिनल ट्राइलॉजी) पूरी स्टार वार्स सीरीज पर छाये हैं. इस कहानी में हर वो ज़रूरी मसाला है जो आपको ये मानने के लिए मजबूर कर सकता है कि  असल में तो जॉर्ज लुकास एक प्रेम कथा ही दिखाना चाह रहे हैं बाकी सारा एक्शन, sci -fi  ड्रामा तो कहानी को रंग रूप देने के लिए ही है. स्टार वार्स Anakin और Padme की कहानी है. 


२. Ainoa  Wiki  Video

ये फिल्म भी  एक तरह से sci fi ही है और इसमें  एक एंड्राइड रोबोट और एक इंसान के बीच प्यार को दिखाया गया है. वैसे ये थीम कुछ और फिल्मों में भी दिखाई गई है, लेकिन इस ऑस्ट्रियन फिल्म की खासियत है कि  किस तरह एक साधारण एंड्राइड जिसे एक विशेष उद्देश्य के लिए ही प्रोग्राम किया गया है वो human feelings  को develop  करता है. Ainoa  उसी रोबोट लड़की का नाम है; उसे उछाल कूद करते  और अजीब हरकतें करते देखना एक अनुभव है. दूसरी sci fi  फिल्मों की तरह इसमें आपको टेक्नोलॉजी का बहुत ज्यादा प्रदर्शन, भारी भरकम machines या कोई बेहद कोम्प्लिकेटेड सी स्टोरी थीम देखने को नहीं मिलेंगी। दरअसल ये फिल्म साइंस  फंतासी को सरल तरीके से दिखाने की कोशिश करती है. इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बेहद खूबसूरत है लेकिन सबसे खूबसूरत और बाँध लेने वाला दृश्य फिल्म का लास्ट सीन है जब एक मिलिट्री कॉन्फ्रेंस में  Prototype रोबोट Ainoa, Major Yuri से आकर मिलती है और कहती है  "I Am Ainoa." 

३. Wall - E Wiki  Video

ये एक एनीमेशन फिल्म है जो  एक अलग ही प्रेम कथा को बयान करती है, दो रोबोट्स के बीच प्यार।  दो अलग generations के रोबोट्स, दोनों के बीच टेक्नोलॉजी और समय के हिसाब से सात सौ साल का अंतराल, लेकिन फिर भी दोनों में प्यार हो जाता है. लोहे और टीन  के मशीनी डिब्बे जो सिर्फ टेक्निकल साउंड लैंग्वेज में ही बात करते हैं. लेकिन फिर भी आपको उनके चेहरे पर इमोशंस की कमी महसूस नहीं होगी।  ये मेरी पसंदीदा फिल्मों में से एक है. इस फिल्म में आपको एनीमेशन का कमाल देखने को मिलेगा जो एनिमेटेड तस्वीरों को असली होने का भ्रम पैदा कर देता है. Wall-E  male रोबोट का नाम है और उसका बार बार हर सवाल के जवाब में अपना नाम और फिर Eve (female  रोबोट) का नाम दोहराना बेहद मजेदार लगता है. 

4. Hero  Wiki  Video

ये फिल्म पूरी तरह प्रेम कहानी की केटेगरी में नहीं आती, थोड़ा टेक्निकली समझें तो ये एक Wu xia फिल्म है, टिपिकल chinese  एक्शन मूवी। लेकिन इसकी खूबसूरती कलर स्कीम में है. हरा, लाल, सफ़ेद, नीला; कहानी के हर मोड़ एक ख़ास रंग वाली पृष्ठभूमि और costumes के ज़रिये दिखाया गया है. और यही एक चीज़ इस फिल्म को एक एक्शन फिल्म से ऊपर उठा देती है. फिल्म देखते वक़्त इसकी सिनेमेटोग्राफी और कलर स्कीम आपको किसी परीलोक की कहानी का अहसास दिलाते हैं. इस फिल्म के एक्शन सेक्वेन्सेस भी बेहद आर्टिस्टिक तरीके से फिल्माए गए हैं इसलिए प्यार की गर्माहट फिल्म के हर फ्रेम में झलकती है. 

5.  Only You Wiki  Video

ये फिल्म परियों की कहानी वाले साँचे में बिलकुल फिट बैठती है. एक लड़की है जिसे बचपन से ही अलग अलग घटनाओं की वजह से ये यकीन हो चला है कि उसकी शादी जिस आदमी से होगी उसका नाम होगा " Damon Bradley"  और इसी आदमी की तलाश में "Faith" अपनी शादी से महज दस दिन पहले सिर्फ एक फोन कॉल के भरोसे वेनिस, रोम और  country side Italy  की  ख़ाक छानने निकल पड़ी है. 


6. P. S. I Love You  Wiki  Video

ये फिल्म कुछ इस तरह से परी  कथा है कि  यहां कहानी वहाँ से शुरू होती हैं जहां आम तौर पर प्रेम कहानी का हैप्पी एंड हो जाता है. एक आदमी मरने के बाद अपनी बीवी को चिट्ठियां भेज रहा है अलग अलग तरीके से और चाहता है उसके मरने के बाद उसकी बीवी महज उसका शोक मनाने के बजाय फिर से अपनी ज़िन्दगी को भरपूर ढंग से जीए. एक ऐसा रोमांस जो मरने के बाद भी ज़िंदा है और अपने होने का अहसास मज़बूत ढंग से दिला  रहा है. 

7. Love Letter  Wiki  Video

ये एक जापानी फिल्म है जिसकी हीरोइन  बिलकुल किसी जापानी गुड़िया जैसी ही लगती है.  ये कहानी परी  कथा जैसे रहस्यों और रोमांस से लिपटी है इस फिल्म को देखते वक़्त आपको सचमुच यकीन हो जाएगा कि  कहीं एक इत्सुकी फूजी है और  सचमुच है; उसके नाम का एड्रेस आज भी है और वहाँ से जवाब ज़रूर आएगा. इस कहानी के बारे में ज्यादा कुछ बताना इसके चार्म को ख़त्म करने के जैसा होगा। यहां प्रेम कथा  बैकग्राउंड में या फ़्लैश बैक में चलती है  और वर्तमान को इस से  जोड़े रखने के लिए दो लड़कियों की पेन फ्रेंडशिप का सहारा लिया गया है.

8.  लंचबॉक्स  Wiki  Video

ये फिल्म आज के वक़्त की यानी हमारे "नए ज़माने" की प्रेम कथा को बयान करती है.  उम्र के लिहाज mature और शायद अपनी उम्र के चौथे दशक में  जी रहे दो लोग; दोनों के पास अकेलेपन के अपने कारण है और तब एक टिफिन बॉक्स जरिया बनता है मिलने का, बातें करने का और एक दुसरे को जानने का भी. इ मेल, वॉट्सएप्प  के ज़माने में कागज़ पर लिखे शब्द ज्यादा इम्पोर्टेन्ट बन जाते हैं. ये प्रेम कथा किसी सुनिश्चित अंत तक तो नहीं पहुँचती पर एक उम्मीद ज़रूर बनाये रखती है कि  शायद आगे कभी … इस भागती दौड़ती ज़िन्दगी में इस तरह एक सदगृहस्थ महिला और एक विधुर के बीच प्यार क्या किसी परी  कथा से कम  है ?? 

9. Guide Wiki  Video

 मेरी all  time favourite फिल्म है.  "एक साधारण मनुष्य की असाधारण गाथा". एक मामूली गाइड जो जीवन के कई उतार चढ़ाव से गुज़र कर आखिर में मजबूरी के चलते साधु बन जाता है और कहानी के अंत में लोगों की आस्था और खुद उसका विश्वास उसे एक ऊँचे दर्जे पर ले जाता है.  इस फिल्म को देखने के बाद से  वहीदा रहमान मेरी सबसे पसंदीदा एक्ट्रेस बन गई और इस फिल्म का  हर गीत मुझे रट गया. गाइड इस अर्थ में परी कथा है कि एक आदमी और औरत के बीच प्यार का हर रंग और उसके हर पहलू को इस फिल्म में बेहद विस्तार से और गहराई से दिखाया गया है. एक कहानी जिसकी शुरुआत प्यार से हुई, जो प्यार का सहारा लेकर आगे बढ़ी लेकिन अंत में वो सिर्फ प्यार तक सीमित नहीं रही, उसमे फलसफा, रहस्य, चमत्कार, आस्था और पुनरुत्थान जैसी कई चीज़ें शामिल हो गई. और यही सब गाइड को सिनेमा के परदे पर लिखी एक खूबसूरत कविता बना देता है. 

10. When I Got Lost Here 

ये मेरी लिखी हुई कहानी है, अब आप ये कह सकते हैं कि  अरे ये तो अपने लेखन का प्रचार हो गया. लेकिन पूरी तरह से  ऐसा नहीं है. इस कहानी की थीम परी  कथा जैसी ही है, ऐसा नहीं है कि  ये कोई असाधारण कहानी है लेकिन इसका atmosphere और इसमें दिखाए गए symbol  इसे थोड़ा ख़ास बना देते हैं. ये पूरी कहानी एक रात को यूँही बैठे बिठाए ही सूझ गई, उस रात नींद आ नहीं रही थी और तब ये  कहानी और इसके characters मेरे दिमाग में उभरने लगे.  यहां प्यार है भी और नहीं भी; ऐसा लगता है कि  लड़की  को तलाश है प्यार की लेकिन उसके साथ ही थोड़ा डर  भी है. एक झील के किनारे दो अजनबी मिलते हैं तब "उस पार " की कहानी शुरू होती है   इसे पढ़िए तभी जान सकेंगे कि  मैंने इसे परी कथा क्यों माना है.   

तो ये है मेरी एक छोटी सी लिस्ट उन फिल्मों की जिन्हे देख के लगता है कि  परियों की दुनिया किसी सातवें आसमान के पार नहीं बल्कि हमारी इसी वास्तविक दुनिया में है, बस उसे देखने और महसूस करने और पहचानने की ज़रूरत है.  इन कहनियों के इंडेक्स पर ध्यान मत दीजिये, लिखते समय जिस फिल्म का नाम याद आता गया, मैंने पहले उसे ही लिख दिया और इस वजह से इनमे 1, 2,3  नंबर बनते गये. ये लिस्ट अंतिम नहीं है, आप भी इसमें कुछ और नाम जोड़िये तब तक मैं भी ढूंढती हूँ कुछ  नई  परियों की कहानियाँ। 

हर फिल्म के नाम के साथ उनके विकिपीडिया लिंक और youtube वीडियो लिंक भी दिए गए हैं  

Image Courtesy : Google

Tuesday 1 April 2014

एक नाम एक पहचान : कुछ मालूम सा कुछ नामालूम सा

मेरा नाम भावना है. बहुत सीधा सादा  सा नाम है, काफी पुराना और शायद आउट ऑफ़ फैशन किस्म का भी.  

एक लम्बे अर्से तक मेरा यही ख्याल था कि मेरा नाम इस दुनिया का सबसे बोरिंग और शायद सबसे खराब नाम है. बचपन से ही मुझे मेरा नाम बेहद नापसंद था. मुझे अपने नाम के अलावा बाकी सब लोगों के नाम बहुत अच्छे लगते थे. मैं अक्सर मम्मी पापा से बहस करती थी कि मेरे लिए इतना dull और boring  नाम क्यों चुना  गया ??  मुझे उस पंडित पर भी बहुत गुस्सा आता था जिसने "भ" अक्षर  पर नाम रखने की सलाह दी, वैसे ये उसकी गलती नहीं थी, ये तो उन नक्षत्रो और ग्रहों की गलती थी जिनमे मैं पैदा हुई थी. और अब उन्ही के हिसाब से मेरी राशि तय हुई  "धनु" ; अंग्रेजी में sagittarius … और इस राशि के अनुसार मेरा नाम "भ" अक्षर से रखा जाना था.

कई तरह के नाम सोचे गए.

पंडित जी ने सीधा सरल नाम बताया  "भारती", पापा को पसंद आया "भुवनेश्वरी"  क्योंकि उन्होंने अखबार में किसी रजवाड़े की  राजकुमारी का यही नाम पढ़ा था (ज़ाहिर है मैं क्या किसी राजकुमारी से कम हूँ), पर ये नाम बोलने में ज़रा कठिन था, इसलिए कम स्वीकार्य था;  कुछ रिश्तेदारों ने नाम सुझाया "भूमि या भूमिका".   कुछ भले लोग और आगे गए और उन्होंने एकदम साहित्यिक नाम बताया "भंगिमा".  ये सब नाम मेरी मम्मी को पसंद नहीं आये और उन्होंने इन्हे सिरे से ख़ारिज करके कूड़ा दान में डाल  दिया।

नाम चुनने की  बहस का अंत पार ना देख कर पंडित ने  फिलहाल काम चलाने के लिए जन्म कुंडली में मेरा नाम भारती लिख दिया (और अगर ये नाम ही फाइनल हो जाता तो वो पंडित मेरे हाथ से नहीं बच सकता था, पक्का)!!!!  लेकिन फिर आखिर पापा ने "भावना"  नाम ढूंढ निकला और ये सोच कर कि भुवनेश्वरी जैसे भारी  भरकम नाम को टक्कर दे सके जैसा यही एक नाम बचा है इस भ अक्षर पर और इसको फाइनल कर दिया ( पर कुंडली में भारती ही चलता रहा क्योंकि पंडित जी ने अमेंडमेंट करने से मना कर दिया)

खैर, तब से यही नाम हो गया मेरा, अब नाम तो जो है सो है. क्या करें ??? मेरा नाम boring  है या अच्छा नहीं है ये चीज़ मुझे तब समझ आई जब मैं पहली या शायद दूसरी क्लास में पढ़ती थी, उन दिनों क्लास में एक लड़की तुतलाने के कारण या किसी और स्पीच डिसऑर्डर के कारण मुझे भावना के बजाय "भागना" कह कर बुलाती थी और तब बड़ा मज़ाक बनता था. उन दिनों बड़े अच्छे अच्छे नाम वाली सुन्दर लडकियां क्लास में थी, जैसे श्यामला (जो बहुत गोरी थी ),  रश्मि (जो बिल्कुल परी लगती थी)  वगैरह। ऐसे में मेरा नाम बिलकुल आउट ऑफ़ डेट किस्म का था. शुक्र सिर्फ इस बात का था कि मेरी सबसे अच्छी सहेली का नाम बीना था  जो मेरी ही तरह एक boring  नाम था. और लगभग तभी से  मैंने अच्छे नाम की तलाश करनी शुरू की. 

अच्छे नाम कहीं भी मिल सकते थे, टीवी पर, स्कूल की किताबों में, स्कूल में, आस पड़ोस या रिश्तेदारों में,  कॉमिक्स में, अखबार में। …कहीं पर भी, कभी भी,  बस दिमाग और कान खुले रखने की ज़रूरत थी. आये दिन मैं कुछ नए नाम ढूंढ कर लाती और मम्मी पापा को बताती कि इनमे से कोई भी एक नाम रखा जा सकता है, अब याद तो नहीं है कि कौन से नाम उन दिनों शॉर्ट लिस्टेड थे पर अक्सर मेरी कॉपी के आखिरी पन्ने  पर अलग अलग नाम लिखे हुए मिल सकते थे. भारतीय नाम से लेकर वेस्टर्न नाम, सभी का स्वागत था. लेकिन खाली स्वागत से क्या होता है ??

मैंने हज़ार कोशिशें की, नए नए सुन्दर नाम सुझाये कि ये रख दिया जाए या वो नाम रख दो; पर  ये हो ना सका। ये कसरत बहुत  सालों तक चली, इन फैक्ट मुझे याद है कि हमारे पड़ोस में एक दीदी रहती थी जो लगभग हर रोज़ मुझे नए, अनोखे और फैशनेबुल नाम बताया करती थी और हम  लोग इस बात पर लम्बी चर्चा भी करते थे कि कौनसा नाम ज्यादा अच्छा लगेगा या ज्यादा सोफिस्टिकेटेड लगेगा। दीदी को सचमुच मेरे लिए एक अच्छा नाम ढूंढने की  फिकर थी इसलिए जब भी हम  मिलते थे तो वो मुझसे हमेशा पूछती थी कि "कल जो नाम पसंद किये थे वो रख लिया ? मम्मी पापा ने भी पसंद किया?" लेकिन हर बार जवाब ना में होता था तो हम  लोग फिर से नए नाम ढूंढने के महाभियान में जुट जाते थे ....  

कारण, मम्मी पापा ये  बताते थे कि (या  कि मुझे समझाया जाता था कि ) भावना एक बहुत अच्छा  और सुन्दर सा नाम है और ये कि नाम केवल राशि के अनुसार ही रखा जा सकता है. . थक हार कर मैंने भ अक्षर वाले अच्छे नाम ढूंढें पर वो होते तो मिलते ना. अब ये ऐसा अक्षर है कि जिस पर कोई अच्छा ढंग का नाम हो ही नहीं सकता। 

ऐसे ही रोते पीटते स्कूल पास हो गया, लेकिन इतना ज़रूर हुआ कि समय गुज़रने के साथ मुझे ये अहसास होने लगा कि मेरा नाम इतना या उतना भी बुरा तो नहीं है, ठीक ही है, काम तो चल  ही सकता है। फिर हम पधारे कॉलेज में; अब यहाँ आकर ये नाम वाला किस्सा बिलकुल ही ख़त्म हो गया क्योंकि अब तक इतनी समझ आ गई थी कि दसवी के सर्टिफिकेट में जो नाम लिख दिया है वो बार बार change नहीं किया जा सकता और इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं. 

और लगभग उन्ही दिनों की ये बात है जब एक फैशन सा होता था कि अक्सर लोग एक दुसरे के नाम का अंग्रेजी अर्थ भी पूछ लेते थे  (ये बीमारी अक्सर लड़कों में पाई जाती थी) मैंने भी दिमाग लगाया कि "भावना" को अंग्रेजी में क्या कहा जाए ??? feelings  या emotions .... मुझे feelings  ज्यादा ठीक लगा. और जब एक बार किसी ने ये कहा " भावना, इसका मतलब emotions?" तो मैंने तुरंत जवाब दिया  " नहीं feelings" और उसकी बोलती बंद कर दी (थ्री चियर्स) 

और फिर एक दिन बैठे बिठाये एक ख्याल दिमाग में आया; अपने नाम का मतलब समझ आया और इस से भी ज्यादा उसमे छुपा एक गहरा रहस्य समझ आया. इस से पहले कभी इस दिशा में नहीं सोचा था पर अब। .... 

भावनाएं सदा के लिए होती हैं, वे अनंत है, सृष्टि के आरम्भ से लेकर उसके अंत तक या शायद जब "कुछ नहीं होगा" तब भी भावनाएं रहेंगी हमेशा … भावनाएं हमेशा सुरक्षित रहती हैं, बनी रहती हैं जब तक दिल धड़क रहा है, जब तक दिमाग सोच रहा है.  भावना उस दिन से इंसान के साथ है जब से वो इस धरती पर आया है और जब तक साँसे हैं तब तक भावनाएं भी हैं.  यही वो एक चीज़ है जो हमको एक दुसरे से जोड़ती है या अलग करती है, हमारे अंदर अलग अलग  संवेदनाएं जगाती है, यही वो अहसास है  जो कह कर नहीं बताया जा सकता और जो बोल कर भी अनकहा रह जाता है. भावना कभी भी पूरी तरह अभिव्यक्त नहीं हो पाती, यही तो शिकायत होती है एक दुसरे से कि हम भावनाओं को नहीं समझ पाते। 

और सब कुछ ख़त्म हो सकता है, हमारे अंदर से भी और बाहरी दुनिया से भी, लेकिन भावनाएं कभी नहीं मिटेंगी। सब फैशनेबुल नाम समय के साथ गायब हो सकते हैं पर भावना बनी रहेगी। 

और जब से अपने नाम का ये अर्थ मुझे समझ आया है तब से मुझे अपना नाम कुछ ज्यादा ही प्यारा और भरा पूरा लगने लगा है. लगता है मेरी हर कमी और कमज़ोरी का कुछ सम्बन्ध मेरे नाम से भी है. मेरे कई दोस्त कहते भी हैं कि जैसा तुम्हारा नाम है  वैसी ही तुम हो, जल्दी भावनाओं में बह जाती हो,  इन शॉर्ट impulsive हो. 

और शायद हूँ भी,  आखिर अपने नाम को सार्थक भी तो करना है ना … 

This post is written for the Indispire Edition 6 under the Topic Narasimha Sharma Veturi