सुबह आप नींद से उठते हैं और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या या तकलीफ अपने शरीर में नहीं पाते तो आप उन करोडो से ज्यादा भाग्यशाली हैं, जिनकी हफ्ते भर में मृत्यु होनी निश्चित है.
आपका कभी किसी युद्ध से पाला नहीं पड़ा, किसी कैदखाने की काली कोठरी में एकांतवास का नारकीय जीवन नहीं देखना पड़ा, किसी बात के लिए आपको उत्पीडन का कष्ट न सहना पड़ा हो या कभी भूख-प्यास से आपकी अंतड़ियों को दर्द और चुभन ना महसूस हुई हो तो आप उन पचास करोड़ लोगों से ज्यादा भाग्यशाली हैं जिन्हें यह सब कहीं ना कहीं, किसी न किसी वक़्त रोजाना भुगतना पड़ता है..
अगर आप किसी धार्मिक सम्मलेन या पूजा पाठ सम्बन्धी किसी भी बड़े अनुष्ठान में बिना किसी बाधा के सम्मिलित होकर सुरक्षित निकल आते हैं तो आप दुनिया के लगभग तीन अरब लोगों से ज्यादा भाग्यवान हैं.
अगर आपके फ्रिज में खाना भरा हो, आलमारी में कपडे सजे हों और आपके सर के ऊपर छत हो तो आप विश्व के उन पचहतर प्रतिशत लोगों से ज्यादा सुखी हैं जिन्हें ये सब मयस्सर नहीं.
यदि आपके बटुए में कुछ रूपए हो, बैंक अकाउंट में पैसे हों और आपके घर में खुदरा पैसा रखने वाली तश्तरी भारी हुई हो तो आप विश्व के उन मात्र आठ प्रतिशत भाग्यशाली लोगों में से एक हैं जिन्हें यह सुख प्राप्त है.
यदि आप उपरोक्त बातों को पढ़ कर समझ रहे हैं तो यकीन मानिए कि आप विश्व के उन करोड़ों ऐसे लोगों से भाग्यशाली हैं जिन्हें पढना नहीं आता .
अब आप खुद अपने भाग्य का मूल्यांकन करें कि आप खुशकिस्मत हैं या नहीं..
(read it in the July edition of "Aha Zindagi")
(read it in the July edition of "Aha Zindagi")
1 comment:
सही लिखा है, पर अपना मूल्यांकन करना इतना सरल नहीं है...
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