Thursday, 2 July 2020

वनीला कॉफ़ी - 4


ये वादियां, ये फ़िज़ाएं बुला रहीं हैं तुम्हें ......

Two months since then ...

"I am going to Dalhousie, do you want something from there ? shall I bring some souvenirs ?"
" I will be back in one week. "  a message flashed on whats app screen. 

"I don't want to bother you. I don't want anything." a short  text got typed.

"as you wish."

Four months...

"At least you can respond. such ego is not going to make your point better or superior."  another text flashed on facebook window. 
"I do not have any point anymore. and as you said those vanilla talks are useless, so why are you stretching this ?" 

Six months ...

" तुम आजकल कहाँ बिजी हो ? और वो तुम्हारे हॉलिडे ट्रिप का क्या रहा ?"
"कुछ नहीं, अकेले तो कहीं जा नहीं सकते और हर किसी का ट्रेवल हॉलिडे का अपना अलग mindset  है।  किसी को सस्ता पैकेज चाहिए किसी को ज्यादा दिन का। "
"तुम्हें क्या चाहिए ?" 
"मुझे बस एक कॉटेज या होम स्टे  चाहिए किसी दूर पहाड़ी जगह पर जैसे वो दीप्ति नवल का घर जिस लोकेशन पर है हिमाचल में, वो क्या नाम है !  हाँ, कोठी।  वहाँ से सुन्दर घाटियों के नज़ारे देखते हुए कुछ दिन गुज़ारे।"
" तो तुम्हें जाना  चाहिए। तुम किस  इंतज़ार  में हो ?"
"नहीं, मैं  फ़िलहाल कहीं नहीं जा रही।" 
"ये तुम्हारा हमेशा का जवाब है। "
"  मैं जाना चाहती हूँ  मुझे कोई ले जाने वाला नहीं मिलता। " 
" तो, तुम इस इंतज़ार में बैठी हो कि कोई तुम्हें लेकर जाए उन जगहों पर जो तुम्हारे पसंद मुताबिक हों ? ज़रूरी नहीं होगा कि  वो जगह, वो मौसम  दुसरे के पसंद मुताबिक हो। " 
"फिर ?" 
"फिर अब  मुझे  क्या पता ?" 
" तुम सोलो ट्रैवलर बन जाओ। क्या कहती हो ?"
"मुझे ये सब नहीं बनना, इतना कोई एडवेंचर नहीं करना। "
"तुमको तो डेन्यूब जाना था ? उसका क्या हुआ ?"

"हाँ जाना है। पता है, मैं चाहती हूँ कि  घर के आस पास एक अच्छा सा किचन गार्डन हो जिसमें  मौसमी  सब्ज़ियां और फल उगाये जाएँ, एक रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम हो  ओवरआल एक सेल्फ सस्टेनेड घर। "
"पहले तुम खुद तो सेल्फ सस्टेनेड बनो।  और किसी एक बात पर स्टिक रहो, कभी तुम कुछ प्लान करती हो कभी कुछ।  पहले तुमको डेन्यूब जाना था, अब तुमको हिल साइड कॉटेज चाहिए। और ये हार्वेस्टिंग वगैरह तो शायद नया आईडिया है तुम्हारा, पहले तो कभी कहा नहीं तुमने।"

"ऐसे ही सोचा,  ये भी एक तरीका है खुद को अपने आस पास से जोड़ने का। "
"आस पास से जोड़ने का !!!!  मतलब अभी  जुडी  हुई नहीं हो ??  तुम कितना ज्यादा सोचती हो !!!" 

"ये जगह कब ढूंढी तुमने ? कैसे पहुंचे यहां ?" सामने उस आर्टिफीसियल लेक पर नज़रें टिकाये पूछा।  
"ये बात बदल देने का हुनर तुमको गॉड गिफ्ट है ? या तुमने सीखा है , कोई कोर्स  वगैरह ? ऐसे ही एक दिन घूमते  ड्राइव करते इधर निकले तो दिख गया ये रिसोर्ट।  तुमको ऐसी ही जगहें पसंद है , इसलिए .... "

"मेरा काम अब यहां लगभग पूरा हो ही गया है। मुझे और मेरे उस सीनियर खरबूजे को  यहां जिस  नए प्लांट को सेट अप  करने के लिए यहां भेजा था  कंपनी ने, अब वो OPERATIONALIZE हो गया है ।  इसलिए अब नेक्स्ट वीक मैं वापिस जा रहा हूँ। "
"इतनी जल्दी तुम्हारे वापिस जाने का भी टाइम हो गया। कितने महीने हो गए तुम्हें यहां आए ? अभी चार पांच महीने पहले ही तो आये थे तुम ।" 
" चार पांच महीने नहीं, डेढ़ साल हो गया है मुझे यहां आए। अब तुम्हें तो वाकई कुछ याद भी नहीं है।"

"अच्छा, इतना समय हो गया !!! पता ही नहीं चला कब दिन गुज़रे। क्या तुम कुछ वक्त और नहीं  रुक सकोगे ? अब वापिस दिल्ली जाओगे या बैंगलोर ?" 

"फिलहाल तो दिल्ली, अभी एक प्लांट हरियाणा के पास लगा रहे हैं तो शायद वहां भेजेंगे, कुछ पक्का नहीं है।"
"फिर आखिर ज़िन्दगी में पक्का क्या है ?"
"पता नहीं।"

"तुम्हारे पास नहीं है ऐसा कोई प्लान या कोई ड्रीम ज़िन्दगी के लिए ?? या सिर्फ  वीकडेज़ और वीकेंड और इस शहर से उस शहर के बीच ही भाग रहे हो ? तुम किसी एक जगह को क्यों नहीं चुन लेते ?"

"तुम सोचती हो कि इन बड़ी कम्पनीज  में काम करने और कॉस्मो सिटी में रहने के कारण हम सिर्फ इन गिनी चुनी बातों में ही उलझे हैं ? यही लगता है तुम्हें ?"

" ज़िन्दगी के और भी चैलेंजेस हैं।  वर्क स्मार्ट रिटायर अर्ली !! वर्किंग नॉन वर्किंग स्पाउस , कितनी सारी  बातें  हैं।  financial security in old age and handsome savings for those times. I am probably going to Canada for a better career opportunity and a quick financial growth." 

"पर तुम तो अच्छी जॉब में हो और तुम्हें क्या फर्क पड़ेगा वर्किंग या नॉन वर्किंग से ? नॉन वर्किंग हो तो भी तुम्हारा काम तो चल ही जायेगा। " 
"अब तुम सरकारी बाबू के पास  फिक्स सैलरी है और  फिक्स रिटायरमेंट के प्लान हैं।  लेकिन हमको सब सोचना पड़ता है।  समझी तुम !!!  और अब मैं ये अरेंज्ड मैरिज  वाले  सुनहरे सपने में नहीं फंसने वाला।  मैंने घर पर बोल दिया है कि  अब मैं इस कास्ट, लैंग्वेज, स्टेट जैसे किसी क्राइटेरिया को नहीं  देखने वाला। पहले ही इतना सब ड्रामा हो गया अब और कोई मेलोड्रामा नहीं चलेगा। "

"मतलब ?? लव मैरिज ही चाहते हो ना !! इसमें क्या बड़ा मुद्दा है ? यह तो उलटे आसान है, तुम्हें आसानी से कोई भी अच्छी, पसंद की लड़की मिल सकती है। मैंने तो ज्यादातर यही  देखा है कि  जो लोग कॉस्मो सिटीज में नौकरी कर रहे हैं वो ढूंढ  लेते हैं अपनी तरह बढ़िया नौकरी स्टेटस वाला कोई।" 

"जितना लग रहा है उतना है नहीं आसान। और हाँ, तिशा के बाद एक शार्ट हुक अप भी हुआ था,  पर हमारी  आपस में जमी नहीं।  उसको बहुत ज्यादा ही जल्दी थी, कुछ डिसाइड  करो,  फिक्स करो, so many commitments and expectations. तिशा भी यही करती थी, उसके पास हर चीज़ की एक प्लानिंग थी,  कौनसा काम मुझे करना होगा, कौनसी ज़िम्मेदारी उसकी होगी, मेड  का क्या सीन  रहेगा।  शादी के बाद गाडी कौनसी वाली चलाएगी ये तक  डिसाइड कर लिया था उसने लेकिन जो सबसे ज़रूरी बात थी वो उसने मुझे सिर्फ पंद्रह  दिन पहले बताई  शुक्र है कि  मैंने अपने ऑफिस में इनविटेशन कार्ड्स नहीं बांटे थे वर्ना  सेण्टर ऑफ़ तमाशा बन जाता मैं।" 

" and you shouted at me when I asked  about  your dinner date !!! ... anyways,  why don't you want any commitment ? what is wrong with it ? all women want some sort of commitments or responsibilities from their husbands or partners. Am I wrong ??"

"I think I need more time and energy to prepare myself to deal with all this shit again. I will rather prefer to stay single and enjoy life than binding myself in a melodrama again. Many people in my circle are planning for a luxurious old age home stay; they don't want this responsibility of marriage and children and rather ready for a single and easy going no responsibility life. Some are in Live-ins, some others are single and want to live a life of their own choices.  I too am thinking on the same lines.. let see, what is stored in future.. right now, my focus is on good earnings and a luxurious life.. I don't want to compromise on that front."
between,how much YOU know about this relationship and love and marriage thing !!!! how many expectations or responsibilities are you ready to take over ?? you never talk about your personal life, relationships or any Hook up, if any such thing ever happened."

"I ... I want commitments, responsibilities and ... I always wanted to but I may not be able to  fulfill ..."

"तुम इतनी कन्फ्यूज्ड सी क्यों हो गई हो ? क्या है जो तुम्हें इतना उलझा रहा है ?  तुम खुद तो ज़िम्मेदारी उठा नहीं सकती और मुझे समझा रही हो।"

"कुछ भी तो  नहीं है। ज़िम्मेदारी उठाना कोई ऐसी बड़ी  बात नहीं है, जितना तुम सोच रहे हो, पर कभी कभी ज़िन्दगी आपको इज़ाज़त नहीं देती।"
"अब फिर तुमने  फलसफा शुरू कर दिया। "
" ऐसा कुछ नहीं है।"
"तो क्या है ? बोल सकने की हिम्मत है तुम में ?  दूसरों की ज़िन्दगी में झांकना और सलाह देना और कुछ जज करना बेहद आसान है लेकिन अपनी ज़िन्दगी के परदे  खोलना बेहद मुश्किल है ना !!! डेन्यूब जाना आसान है सुनयना, कहानी लिखना भी पर बोल कर बताना मुश्किल है। " 

"क्या मुश्किल मानते हो तुम ?"
" जो तुम कह नहीं पा रही।"

"I may not be able to ... conceive .. may not be able to carry on the pregnancies and ..." 

"What the hell are you talking about !!! Are you in sense ? Sunayna, you okay ??"

"Yes, I am alright, I am all in my sense. you wanted me to raise the curtain, see, I did. I am not a coward; I am not hiding my weakness, I am not covering up my incompetency. I am not giving any goddamn excuse."
"shut up, you are out of your mind. Do you even know what you are saying ?? Are you reading some sort of tragic novels and such stuff ? what is that crap you are reading these days ?" 
"This is no crap, this is the fact, I am talking ... you said, I am judging you, you said I am arrogant and do not know anything about relationships. I do want to know, I do want to experience all that  crap. you shouted at me, when I asked about your dinner date; you said, I have no right to enquire about your personal life.  And now, you are asking me to raise the curtain of life; atleast, I didn't hesitate, I have courage to accept and speak out. I am not escaping from responsibility and commitment; it is just, will anybody be ready to commit with me, to fulfill my expectation ?? Do I even have a right of expectation, when I myself can't fulfill this biggest expectation of  a married life ?"

"Sunayna, why have you never told me about this ? you could have at least .."
"have you ever asked ? Are you even interested in all these miseries of others ? nobody wants to listen to the sorrows and miseries of others."

"You can find an understanding person, these days it is not as  such a big issue, at least to a certain extent ... so many latest technologies are there. You can go for treatments and ..."

"Shutup, Gaurav, it is not a disease nor an illness for which I should sought a treatment. it is a health condition and that's it.  accept or reject. nothing more, nothing less."

To Be Continued... 

Image Courtesy : Google

Part--3