Monday, 8 September 2014

मेरी पसंद की कुछ किताबें : एक अधूरी सूची




तो इस बार का indispire टॉपिक है, आपकी पसंद की टॉप टेन किताबें बताइये। अब पढ़ा तो बहुत है, स्कूल  कॉलेज और फिर नौकरी करते हुए पब्लिक लाइब्रेरी तक …  जो हाथ लगा वो सब पढ़ डाला। पर ऐसा टॉप टेन  जैसा कभी कुछ  सोचा नहीं। तो चलिए आज सोचते हैं, मेरी पसंद की टॉप टेन किताबें।


1.  आखिरी शब के हमसफ़र : इस वक़्त जो पहली किताब मेरे दिमाग आ रही  है. वो है  कुर्रतुल ऐन हैदर की लिखी मॉडर्न क्लासिक  ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता किताब। इस किताब में 1939 से लेकर बांग्लादेश के निर्माण के कुछ साल बाद तक का कालखण्ड शामिल किया गया है. ये किताब अपने लेखक की राजनीती, इतिहास, आर्थिक मुद्दों और सबसे ऊपर बंगाल के साहित्य पर ज़बरदस्त पकड़ को बताती है. ब्रिटिश नौकरशाही से लेकर साम्यवादी क्रांतिकारी आंदोलन, भारत में  ईसाई मिशनरी और उनका फैलाव, विभाजन से जुड़े मुद्दे, बांग्लादेश, मुस्लिम लीग की राजनीती जैसे कितने कितने ही विषय अपने आप में समेटे ये किताब किसी एपिक से कम  नहीं है. भारत से बाहर ब्रिटिश उपनिवेशों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय, 70 के दशक का हिप्पी आंदोलन, विदेशों में रहने वाले भारतियों के  सांस्कृतिक अंतर्द्वंद और इन सबसे ऊपर इंसान के मनोविज्ञान की  गहरी समझ; कुर्रतुल ऐन  हैदर  ने इस किताब को एक ऐसी ऊंचाई पर पहुंचा दिया है जिस को छूना ही मुश्किल है उस तक पहुँच पाना तो और भी मुश्किल। 


2 . अफीम सागर :  इस किताब का रिव्यु मैं Here पहले ही कर चुकी हूँ. अमिताव घोष की लिखी इस किताब को बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था. अंग्रेजी में इसे Sea Of Poppies कहा गया है.  इस किताब की खासियत है अफीम के त्रिकोणीय व्यापार जो भारत ब्रिटेन और चीन के बीच चलता था उसे अमिताव घोष ने बड़ी बारीकी से बयान किया है. अगर आप हिस्ट्री स्टूडेंट रहे हैं तो इस किताब को पढ़ते वक़्त आपको लगेगा कि  जो आजतक सिलेबस में था वो अब उपन्यास की शक्ल में आपके सामने है और अगर आपका इतिहास से दूर पास कहीं का वास्ता नहीं पड़ा तो भी आप इसे ज़रूर पढ़े क्योंकि इतने सीधे सरल तरीके से  आर्थिक और व्यापारिक इतिहास ( ईस्ट इंडिया कंपनी के अफीम व्यापार सन्दर्भ में )  आपको और कहीं शायद ही मिले। 

3. अग्नि की उड़ान : इस किताब को ज्यादातर लोग विंग्स ऑफ़ फायर के नाम से जानते हैं. जी हां हमारे देश के मिसाइल मैन और  भूतपूर्व राष्ट्रपति श्री ए. पी. जे. कलाम की आत्मकथा है ये. इस किताब में उनके बचपन से लेकर अग्नि मिसाइल की लॉन्चिंग तक  लेखा  जोखा है. कलाम साहब का बचपन,  उनके स्कूल और कॉलेज का वक़्त, ज़िन्दगी के संघर्ष और फिर करियर के उतार चढ़ाव; इस किताब के ज़रिये मिसाइल मैन के टाइटल के पीछे की कहानी हमारे सामने आती है. इस किताब  खूबी है इसमें दी गई छोटी छोटी कविताएं जो खुद कलाम साहब ने ही लिखी हैं. 

4. रांगेय राघव की श्रेष्ठ कहानियां :  ये किताब रांगेय राघव की लिखी हुई कुछ बेहतरीन कहानियों का संग्रह है.  इसी के ज़रिये मैं पहली बार मिली "गदल" से. जी हाँ रांगेय राघव की गदल, हिंदी साहित्य की दस बेहतरीन कहानियों में एक है गदल.  और पहली ही बार जाना रांगेय राघव की कहानियों का जादू, उनकी कलम का चमत्कार। उन्होंने समाज के सबसे निचले तबके से लेकर सबसे ऊपर के वर्ग तक की कहानियां लिखी हैं, भाषा ऐसी कि  बस बाँध ले आपको, लगेगा जैसे वे पात्र खुद जीवंत होकर आपके सामने आ खड़े हुए हो.

5. स्मृति कलश : इस किताब को लिखा है शिवानी गौरापंत ने, इसमें उनके शांति  निकेतन में बिताये  स्कूल कॉलेज के दिनों, अपने शिक्षकों, साथियों, शांति निकेतन की अनोखी शिक्षा प्रणाली और सबसे ऊपर खुद गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर की यादें शामिल हैं. इस किताब ने मुझे बंगाल से, बांग्ला भाषा से, शांतिनिकेतन से और रवीन्द्रनाथ से मिलवाया। और ऐसा मिलवाया कि  लगता है शायद कभी किसी जन्म में, मैं बंगाल में ही जन्मी थी. 

6. एक वायलिन समंदर के किनारे :  ये नावेल कृष्ण चन्दर का लिखा हुआ एक बेहतरीन फिक्शन है. फुल मसाला स्टोरी  हिट बॉलीवुड फिल्म बन जाए ( श्ह्ह्ह, ये बात प्लीज एकता कपूर को ना बताना, वो इस कहानी का बेडा गर्क कर देगी)  जिसमे अजंता एलोरा की गुफाओं का जादू,  एक अजब गज़ब प्रेम कहानी, बीत चुके समय के  संगीतकार का आज के वक़्त में लौटना और ....  बस अब आगे खुद पढ़िए, मैं क्यों बताऊ पूरी कहानी ??? वैसे दूरदर्शन वाले इस पर एक सीरियल बना  के दिखा चुके हैं. 

7. प्रथम शैल पुत्री च :  हाँ ये थोड़ा अजीब टाइटल है लेकिन  सभ्यता का  आविर्भाव कैसे हुआ होगा यानी, वो जो आप इतिहास की किताबों में पढ़ते हैं ना स्टोन ऐज, आदि मानव, प्रीहिस्टोरिक ऐज  वगैरह उसी को कहानी के ज़रिये बताया गया है. कैसे इंसान ने आग जलाना सीखा होगा, भाषा कैसे बानी, कैसे कैसे छोटे छोटे आविष्कार हुए होंगे, आस्थाएं, देवता कैसे अस्तित्व में आये ? कैसे इंसान ने खेती करना और फिर व्यापार  करना सीखा …  और फिर कैसे एक दिन भारतीय उपमहाद्वीप में सिंधु घाटी की सभ्यता पनपी।  और कैसे रहे होंगे उनके शहर, वे लोग और कैसे हमारे आज के मिथक और आस्थाएं उनके बीते वक़्त से जुड़ गए हैं. मायानन्द मिश्रा का लिखा एक शानदार कहानी संग्रह, इसे पढ़ते वक़्त लगेगा जैसे इतिहास खुद ही अपनी कहानी सुनाने बैठ गया हो.

8.  गली आगे मुडती है :  शिव प्रसाद सिंह का लिखा "काशी  त्रयी" की पहली क़िस्त वाला उपन्यास।  ये उपन्यास बनारस यूनिवर्सिटी की राजनीती के इर्द गिर्द बुना  गया है, इसमें  आपको बनारस के  वर्तमान की कुछ झलक मिलेगी। आस्थाओं, विश्वासों, चमत्कारों  का शहर, भारत का प्रतीक बनारस  और  उसकी समस्याएं। एक बढ़िया किताब, दूरदर्शन वालों ने इस पर एक सीरियल भी बनाया था.  

9. बस भाई अब आगे और लिखने का अभी मेरे पास टाइम है नहीं और indispire का टाइम ख़त्म होता जा रहा है. और फिर बाकी दो किताबे अभी मुझे याद आ भी नहीं रही, जैसे ही याद आएगी, अपडेट कर दूँगी, तब तक के लिए स्टे इन टच.